Side Income Secret Formula: अगर किसी से यह कहा जाए कि, जितनी आपकी हर महीने की तनख्वाह है, उतना ही अलग से इनकम हो सकती है, तो आप शायद हमारी इस बात पर विश्वास नहीं करेंगे या फिर आप हमसे पूछेंगे कि, आखिर अगर ऐसा है, तो यह पॉसिबल कैसे है। बताना चाहते हैं कि, इसके पीछे एक स्पेशल फार्मूला काम करता है। यदि आप प्राइवेट नौकरी करते हैं, तो इस गणित को समझना आपके लिए बहुत ही आवश्यक है।
यह है फार्मूला 50000 की इनकम का
एग्जांपल के तौर पर आपकी हर महीने की तनख्वाह जितनी भी है, उसके बराबर आप एक्स्ट्रा से इनकम प्राप्त कर सकते हैं। अब डायरेक्ट फार्मूले पर वापस आते हैं। एग्जांपल के लिए यदि आप हर महीने ₹50000 तनख्वाह के तौर पर प्राप्त करते हैं और आप चाहते हैं कि, आपको हर महीने ₹50000 अलग से मिले, तो इसके लिए आपको एक बात को ध्यान रखना है कि, आपको कम से कम तनख्वाह का 30% हिस्सा इन्वेस्टमेंट में लगाना होगा।
इस प्रकार से यदि ₹50000 हर महीने कमाने वाले व्यक्ति को 30% सैलरी बचानी है, तो ₹15000 हर महीने होता है। अब अगर आप इस पैसे को म्युचुअल फंड में सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान के माध्यम से लगाते हैं, तो आपको बेहतर रिटर्न प्राप्त हो सकता है।
SIP कैलकुलेटर के अनुसार अगर किसी इन्वेस्टर के द्वारा सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान में हर महीने ₹15000 इन्वेस्ट किए जाते हैं, तो 10 साल बीत जाने के बाद अगर 15% के रिटर्न को उदाहरण के तौर पर लिया जाए, तो तकरीबन 41,79,859 रुपए बनते हैं। इसे अगर और भी आसान तरीके से समझा जाए, तो हर महीने सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान में ₹15000 डालने पर 5 साल के बाद यह पैसा तकरीबन साढे 13 लाख रुपए हो जाता है।
तनख्वाह बढ़ने के साथ इन्वेस्टमेंट में करें बढ़ोतरी
ऊपर तो हमने आपको सिर्फ स्टार्टिंग सैलेरी का अनुमान बताया हुआ है। जानकारी के अनुसार अधिकतर लोगों की तनख्वाह 7 से 8 साल में डबल हो जाती है। अगर हर महीने मिलने वाली तनख्वाह में सालाना तौर पर 10% की भी बढ़ोतरी होती है, तो जो व्यक्ति हर महीने ₹50000 कमा रहा है, उसकी तनख्वाह 10 साल में ही ₹100000 के बराबर हो जाएगी। अगर इन्वेस्टर सैलरी बढ़ाने के साथ ही साथ अपने इन्वेस्टमेंट को भी बढ़ाता है, तो दसवें साल में इन्वेस्टर की तनख्वाह से 35, 369 की बचत होने की संभावना है।