उल्लू का पठ्ठा सुना तो बहुत बार होगा पर असल में होता क्या है, अगर आपको भी नही पता तो आज जान लीजिए असली मतलब : शब्दों का काम बहुत कुछ कहता है. बड़ी-बड़ी बातों को आसानी से समझने के लिए मुहावरे सबसे अच्छा विकल्प हैं। हमने अक्सर अपने बड़ों या अपने आस-पास के लोगों को कई कहावतें और मुहावरे बोलते हुए सुना है।

शब्दों का काम बहुत कुछ कहता है. बड़ी-बड़ी बातों को आसानी से समझने के लिए मुहावरे सबसे अच्छा विकल्प हैं। हमने अक्सर अपने बड़ों या अपने आस-पास के लोगों को कई कहावतें और मुहावरे बोलते हुए सुना है। “उलू का पट्ठा” भी एक ऐसा ही मुहावरा है.
यह मुहावरा उल्लू से क्यों जुड़ा है?
हालाँकि उल्लू दुनिया का सबसे बुद्धिमान पक्षी नहीं है, लेकिन इसे सबसे मूर्ख मानना भी गलत है। हिंदू पौराणिक कथाओं में इसे देवी लक्ष्मी का वाहन माना जाता है और पश्चिमी देशों में इसे ज्ञान का प्रतीक भी माना जाता है। उलूक महाभारत काल में शकुनि और अर्श का पुत्र था। महाभारत के चौबीसवें दिन सहदेव ने उलूक और शकुनि का वध कर दिया। शायद शकुनि का पुत्र होने के कारण ही लोग उलूक या उल्लू को मूर्ख कहने लगे हों।