खेती के साथ मधुमक्खी पालन से होगी 10 लाख की कमाई, 75% मिलेगी सब्सिडी दी जाएगी : मधुमक्खी पालन पर सब्सिडी: ऐसे करें खेतों में मधुमक्खी पालन, ट्रेनिंग भी मिलेगी
भारत में सरकार किसानों की आय बढ़ाने के लिए तरह-तरह के प्रयास करती नजर आ रही है। सरकार के प्रयासों के साथ-साथ देश के किसान भी अपनी आय बढ़ाने की दिशा में सकारात्मक रुख अपना रहे हैं और तेजी से कृषि की मांग की ओर बढ़ रहे हैं। इसके साथ ही किसान एक ही खेत में अलग-अलग फसलें लगाकर अपनी आमदनी दो से तीन गुना तक बढ़ा सकते हैं। किसान भाइयों ट्रैक्टर जंक्शन के माध्यम से हम ऐसी ही एक खेती की जानकारी देने जा रहे हैं। यदि किसान खेती के साथ-साथ खेतों में मधुमक्खी पालन भी करें तो किसानों को शहद उत्पादन के रूप में अतिरिक्त आय प्राप्त होगी। यह अतिरिक्त आमदनी भी सालाना 10 से 20 लाख रुपए तक हो सकती है। इसके अलावा सरकार इस कार्य के लिए किसानों की कुल लागत का 75 प्रतिशत भी देगी।

शहद के कारोबार में मोटी कमाई होती है।
आपको बता दें कि भारत शहद के उत्पादन में पहले स्थान पर है। यहां हर साल एक लाख टन से ज्यादा शहद का उत्पादन होता है। उत्पादन के बाद इन्हें दूसरे देशों में बेचा जाता है, जिससे अच्छी खासी कमाई होती है। अगर आंकड़ों की बात करें तो बाजार में एक किलो शुद्ध शहद की कीमत करीब 400 रुपये है. ऐसे में अगर किसान कम से कम 50 टन शहद का उत्पादन करते हैं तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि इससे कितनी कमाई हो सकती है. छोटे स्तर पर भी यह बिजनेस साल में 10 लाख रुपये से ज्यादा की कमाई करता है। वहीं मधुमक्खी पालन के व्यवसाय को कम स्तर पर शुरू करने में करीब दो से तीन लाख रुपये का खर्च आता है.
मैनेजमेंट का काम है मधुमक्खी पालन
मालव ने बताया कि मधुमक्खी पालन का काम प्रबंधन का है। अगर मैनेजमेंट सही है तो आप अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। मालव कोटा के बाहर भी किसानों को मधुमक्खी पालन का प्रशिक्षण देने जाते हैं। नरेंद्र मालव ने बताया कि यदि कोई किसान मधुमक्खी पालन करना चाहता है तो वह शुरूआत में 25 से 50 पेटी लगाकर 25 से ₹30 हजार का निवेश कर इस व्यवसाय को शुरू कर सकता है.
ये सरकार दे रही है सब्सिडी
बिहार सरकार ने मधुमक्खी पालन पर भारी भरकम सब्सिडी देने का ऐलान किया है. प्रदेश में इस कारोबार को बढ़ाने की मंशा से इतने बड़े अनुदान की घोषणा की गई है। राज्य सरकार मधुमक्खी के छत्ते और उसके बक्सों पर 75 प्रतिशत तक की सब्सिडी दे रही है। यानी अगर एक लाख मधुमक्खी के छत्ते और उसके बक्सों को खरीदने में खर्च किया जा रहा है तो सरकार अपनी तरफ से 75 हजार रुपये देगी. बिहार सरकार एकीकृत बागवानी विकास मिशन योजना के तहत किसानों को यह सब्सिडी देगी। मधुमक्खी पालन के लिए इस अनुदान का लाभ लेने के लिए नजदीकी कृषि विभाग में जाना होगा। इसके अलावा ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की भी सुविधा दी गई है। आवेदन करने के लिए संबंधित व्यक्ति के कुछ आवश्यक दस्तावेजों की आवश्यकता होगी। जिसकी जानकारी किसान आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से प्राप्त कर सकते हैं।
मधुमक्खी पालन कैसे करें / मधुमक्खी पालन की विधि (How To Start Honey Bee Farming)
मधुमक्खी पालन एक ऐसा व्यवसाय है जिसमें किसानों को प्रशिक्षित होना बहुत जरूरी है। मधुमक्खी पालन के प्रशिक्षण के समय किसानों को मधुमक्खियों से अच्छे संबंध बनाना भी सिखाया जाता है। आसपास के मधुमक्खी पालन उद्यमी इनसे संपर्क कर मधुमक्खी पालन के टिप्स ले सकते हैं। मधुमक्खी पालन के लिए किसान को व्यावहारिक रूप से मधुमक्खियों से मिलना, दोस्ती करना और दोस्ती करना आवश्यक है। अगर आप मधुमक्खी पालन का प्रशिक्षण लेना चाहते हैं तो इन संस्थानों से ले सकते हैं। मधुमक्खी पालन केंद्र की जानकारी नीचे दी गई है।
- भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, पूसा रोड, नई दिल्ली
- मधुमक्खी पालन एवं अनुसंधान संस्थान कृषि विश्वविद्यालय, हिसार, हरियाणा
- मधुमक्खी प्रशिक्षण संस्थान, हल्द्वानी, नैनीताल, उत्तराखंड
- राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड, लालकोठी, जयपुर, राजस्थान
- ज्योति ग्रामोद्योग संस्थान, गंगोह, सहारनपुर, उ.प्र.
मधुमक्खी पालन कैसे करें, मधुमक्खी पालन कैसे शुरू करें, मधुमक्खी पालन के तरीके आदि विषय से संबंधित सभी जानकारी प्रशिक्षण केंद्र पर किसानों को दी जाती है। इसके अलावा आप इंटरनेट के जरिए भी नजदीकी ट्रेनिंग सेंटर का चुनाव कर सकते हैं। मधुमक्खी पालन प्रशिक्षण केंद्र लगभग सभी राज्यों जैसे बिहार, राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, झारखंड आदि में उपलब्ध है।